वरिष्ठ समाजसेवी,साहित्यकार कैलाश जैन बरमेचा को राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान से सम्मानित किया गया l अपने साहित्य लेखन की प्रति हिंदी की विशेष शब्दों का चयन, हिंदी के प्रति लगाव व राष्ट्रभाषा को समर्पित मनोभाव को जागृत कर हिंदी भाषा को गौरांवित कर समाज में अपनी वरिष्ठ उपस्थिती से सबको ध्यान आकर्षित किया l
हिंदी के प्रति अपनी मनोविचारों को प्रकट करते हुए कैलाश चंद बरमेचा ने कहा कि शुरू से ही हिंदी से ग्रहण लगाव रहा है हिंदी लेखनी बचपन से ही प्रभावित करती रही है किंतु पारिवारिक परिस्थिति के चलते यह नाता कुछ अंतराल के लिए थम गया था लेकिन जज्बा कायम रहा l साहित्य से जुडा नाता आखिरकार लोगों को ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा और यही वजह है कि मुझे राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान योग्य समझा गया l