समाज के विभिन्न क्षेत्र के विभिन्न विधाओं में पुस्तक लिखने वाले लेखकों को विद्योत्तमा फाऊंडेशन नासिक महाराष्ट्र द्वारा राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित करने हेतू पुस्तक आमंत्रित किया गया था जिसमें सैकड़ों लेखकों की पुस्तक संस्था के पास पंहुचा था जिसमें से साहित्य के काव्य विधा के लिए गोविंद पाल की काव्य संग्रह *महज़ ये वायरस नहीं* को भी शामिल किया गया था। आपको जानकारी देते हुए हमें हर्ष हो रहा है कि यह राष्ट्रीय सम्मान हिंदुस्तान के कुछ चुनिंदे लेखकों में *महज़ ये वायरस नहीं* पुस्तक को भी चुना गया । गोविंद पाल को स्व. अलोक भट्टाचार्य मुंबई के स्मृति में *विद्योत्तमा साहित्य भास्कर सम्मान* *5 जनवरी 2025* को नासिक में यह भव्य समारोह *माहेश्वरी भवन, आर्टीलरी सेंटर नासिक रोड* में प्रदान किया जायेगा। सम्मान स्वरूप गोविंद पाल को *सम्मान राशि पांच हजार एक रू (5001)* के अलावा विद्योत्तमा भास्कर सम्मान पत्र, प्रतीक चिह्न, शाल, श्रीफल से सम्मानित किया जाएगा। गोविंद पाल को नासिक में रहने ठहरने व भोजन आदि की सारी व्यवस्था संस्था की ओर से की जायेगी।गोविंद पाल के इस उपलब्धि के लिए मुक्तकंठ साहित्य समिति के कैलाश कुमार जैन बरमेचा, नरेंद्र कुमार सिक्केवाल, अलोक कुमार चंदा, प्रकाश चन्द्र मंडल, भूषण चिपड़े, मनोज कुमार शुक्ल, डॉ. जय प्रकाश शर्मा, उज्वल प्रसन्ना, डॉ. रौनक जमाल, डॉ बीना सिंह, ब्रिजेश मल्लिक, रीत सिंह, अमन रंगेला, ठाकुर दशरथ भुवाल, प्रदीप भट्टाचार्य, नवेद रजा, नुरूस सबा खान, इस्माइल आजाद, ओमवीर करण, वासुदेव भट्टाचार्य, पल्लव चटर्जी, दुलाल समाद्दार आदि के अलावा मुक्तकंठ के सभी सदस्यों वधाईयां दी।